Saturday, December 29, 2018

मौत और मै (मृत्यु के दूत) "Maut Aur Mai" Hindi Lyric- Yahya Bootwala Love Poetry

मौत और मै (मृत्यु के दूत)  Yahya Bootwala  की  बहोत ही Famous story है जिसे आज-कल social media पर बहोत ही ज्यादा Views मिल रहे हैं | इस  स्टोरी में याह्या बूटवाला ने मृत्यु के दूत के साथ बैठ कर उसके दर्द की बातें करते हैं | 
वो कहते हैं न कि अपने दर्द को किसी के साथ बयां करने पर वो दर्द तो नहीं जाता पर कुछ काम जरूर हो जाता है  

दोस्तों, याह्या बूटवाला की इस स्टोरी को आज तक 3.5 मिलियन से ज्यादा लोंगो ने देखा तथा पढ़ा है | 
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"Maut aur Mai"
Hindi Lyric- Yahya Bootwala Love Poetry

वैसे तो नशा करना बहोत ही बुरी आदत है,
पर कभी-कभी ज़िन्दगी हालात ऐसे पैदा कर देती है,
मदहोशी में डूबना ज्यादा मुनासिब लगता है | 

बस यूँ ही एक शाम मैख़ाने में बैठा था ,
मेरी मुलाकात हो गयी मौत के फ़रिश्ते से,

"अब जैसे लोग कहते हैं "
मौत उतना भयानक नहीं दिखता | 
एक बूढ़ा शक़्श है जिसके चेहरे पर नूर है,
आँखों में आँशु ,
गालों में गम की झुर्रियां,

"पर मौत है वो"
तो,


पहले डर-डर के उनके बाजू में बैठा था ,
सोचा कंही मेरा वक़्त तो नहीं आ गया| 
"दद्दू से पहले"

झिझक उनसे पूछा की किसका वक़्त आ गया | 
जो आप यंहा बैठे हो ?


मुस्कुरा कर बोले  के कुछ  पल के लिए,
किसी का वक़्त ख़त्म नहीं होगा,
इसीलिए, मै यंहा बैठा हूँ | 

तो, अब सारा डर ख़त्म सीधे सीधे  मौत से पूछ लिया 
मौत हो तुम, तुमसे सब हैं डरते,
जरा पास क्या आ जाओ,
सब खुदा को याद करते हैं | 
तो, फिर तुम्हे कैसा लगता है ? 

दो पल तक चुप रहे,
और फिर कहा की ,
ऐसा क्यों है?

की, ज़िंदगी दो हांथों में शमा जाने वाली खुशियां दे जाती है,
तो सब उसके शुक्र-गुजार  हो जाते हैं | 
मगर मै चार कन्धों को झुकाने वाली रूह को उठा लूँ ,
फिर भी, मुझे प्यार नशीब नहीं होता | 
अरे,

रीढ़ की हड्डी टूट जाती है, जनाजे उठा-उठा  कर ,
खुदा आते हैं उस पर हाथ फेरते हैं,
वह ठीक हो जाती है | 

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मै उनको कहता हूँ की टूटी हुयी रीढ़ की हड्डी के साथ,
तोभी मै  जी लूंगा | 
बस यही काम किसी और को दे दो | 

पर, वह भी क्या करें ?

यह काम करने को कोई और भी तैयार नहीं होता 
मै सो नहीं पता डरावने सपने आते हैं,

उन सभी लोगों के जो,
"जिनके किसी अपने को मैंने आज़ाद किया था "

वह मुझे कोसते हैं, गलियां देते हैं ,
और मातम करते करते मुझे ही बददुवाएं देते हैं | 


काश मै उनकी अपनों की,
उसने बात करवा पाता,
दिखा पाता, वह खुश हैं,

पर खुदा इसकी भी तो इजाजत नहीं देता | 

कभी-कभी तो यह सोचता हूँ की, 
काश-काश मुझे मौत आ जाये | 

पर, 

कमब्खत मेरी रूह को आज़ाद कौन करेगा ?.... ?



बहोत बुरा लगा ,
उनके लिए आज शायद पहली बार ,
किसी ने यह किया होगा,
"मौत को अपने घर का न्योता दिया होगा "





कहा मैंने उनसे की आओ घर पर,


कर लो आराम मेरे,








कल जनाजे और भी उठाने होंगे। 

"शायद तुम्हे"








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Meri zindgi ke wo waqt the,
Jo...
Maine Dil se kahe 
Ek shayri ki tarh
                                               V£D






1 comment:

क्या कूदना जरूरी था?(Kya koodna jaroori tha) Hindi Lyric- Yahya Bootwala Love Poetry

Friends, Yahya Bootwala Ji has given many poems to this day and he has given very good stories which are related to our life, he has perfo...