दोस्तों, आज मै आप सभी लोगों के लिए याह्या बूठवाला की बहोत ही अच्छी कविता हूँ, दोस्तों इस कविता ने सोशल मिडिया पर तो बहोत ही धमाल मचाया है, अतः मैंने यंहा पर इस कविता का हिंदी में लिरिक लिखा है जिससे हर किसी को पढ़ने में आसानी हो| कहते हैं न की कविता ऐसी होनी चाहिए जो दिल छू जाए तो यंहा मैंने याह्या बूठवाला की एक प्यारी कविता को लिखा है | आज तक इसे सोशल मिडिया पर 3.2 मिलियन से भी ज्यादा लोग देख चुके हैं|
तो दोस्तों, याह्या बूठवाला की खूबसूरत कविता का आनंद लें-
तेरी गलियों से मेरा गुजरना क्या कम हुआ,
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तो दोस्तों, याह्या बूठवाला की खूबसूरत कविता का आनंद लें-
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"बोल ना "
"Hindi Lyric- Yahya Bootwala Love Poetry"
तेरी गलियों से मेरा गुजरना क्या कम हुआ,
सीढ़ियों पर बैठे तेरे आशिक़ का इंतज़ार मुकम्मल सा हो गया |
पर,
कुछ सवाल हैं तुझसे ?....?
क्या, तेरी पेशानगी सिकंजों को उसके होंठ,
वैसे ही सहला देते थे जैसे मेरे होंठ सहलाया करते थे,
क्या, उसकी पास आती साँसों की गर्मी ,
तेरे दिल की धड़कन वैसे ही बढ़ा देती है,
जैसे मेरी सांसें बढ़ाया करती थी |
क्या, शर्द रातों में तू आज भी कम्बल छुपा देती है,
ताकि लिपटने का एक और बहाना मिल जाए,
क्या, शबाब के नशे में आज भी गुम होकर तू उसको,
अपने सारे राज बता देती है,
और, फिर होश में आके वही बातें दोहरा देती है,
जैसे मेरे सामने दोहराया करती थी |
क्या, तू आज भी अपनी जुल्फों को अपने गलों से फिसलने देती है ,
ताकि वो अँगुलियों से उसे फिर से पीछे कर सके ,
जैसे मै किया करता था|
क्या, वो भी तेरी आँखों में आँखें डालकर,
शामों को रातें कर देता है,
जैसे मै किया करता था |
क्या, उसे भी दिखा दी वो सारी तश्वीरें,
जिसमे आज भी तू अपना बचपन खोजती है,
क्या, उसे भी बता दी वो सारी बातें,
जो तूने मुझे ये कहके बताई थी....
के आज तक किसी को नहीं बताया था |
बोल ना".........
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चल इन सब सवालों का जवाब मत दे,बस एक सवाल का जवाब दे,के क्या भूल गयी वो रात जब कमरे में सिर्फ हम थे,मैंने तुझे कसके पकड़ा था,और, तेरे कंधे पर सिर झुकाकर,तेरे कानों में हल्के से मैंने ये कहा था की--"कभी छोड़ना मत " और तूने कहा था "कभी नहीं"
बोल ना".......
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